Explainer: हबल की खोज ने दुनिया को चौंकाया था, 21 साल बाद लगी जेम्स वेब टेलीस्कोप की मुहर; विज्ञान को चुनौती
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Explainer: हबल की खोज ने दुनिया को चौंकाया था, 21 साल बाद लगी जेम्स वेब टेलीस्कोप की मुहर; विज्ञान को चुनौती

Science News in Hindi: 2003 में, Hubble Space Telescope ने लगभग ब्रह्मांड जितने बूढ़े ग्रह की खोज से पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था. अब James Webb Space Telescope (JWST) ने हबल की उस खोज पर मुहर लगा दी है.

Explainer: हबल की खोज ने दुनिया को चौंकाया था, 21 साल बाद लगी जेम्स वेब टेलीस्कोप की मुहर; विज्ञान को चुनौती

James Webb Space Telescope Discovery: जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने हबल टेलीस्कोप की 21 साल पुरानी खोज पर मुहर लगा दी है. 2003 में हबल की उस खोज ने प्रारंभिक ब्रह्मांड में ग्रहों के निर्माण से जुड़े विचारों को चुनौती दे डाली थी. अब NASA/ESA/CSA के JWST ने पाया है कि Hubble की खोज सही थी. हबल ने एक बेहद बुजुर्ग तारे - लगभग हमारे ब्रह्मांड जितना पुराने - के पास एक बहुत बूढ़े तारे का पता लगाया था. उस खोज का मतलब था कि कुछ तारे तब बने जब हमारा ब्रह्मांड काफी युवा था. और ऐसे ग्रहों को अपनी युवा डिस्क के अंदर बनने और बड़े होने का समय मिला, जिससे वे बृहस्पति से भी बड़े हो गए.

जेम्स वेब ने लगाई हबल की खोज पर मुहर

ऐसा माना जाता था कि तारों में बहुत कम तत्व होते हैं जो ग्रहों के निर्माण खंड हैं. JWST की मदद से वैज्ञानिकों ने हाल ही खोजा कि कुछ तारों में वास्तव में ग्रह बनाने वाली डिस्क होती हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि ये डिस्क हमारी आकाशगंगा में युवा तारों के आसपास देखी गई डिस्कों से भी अधिक समय तक जीवित रहती हैं. यूरोपियन स्पेस रिसर्च सेंटर (नीदरलैंड्स) के गुइडो डी मार्ची के अनुसार, वेब टेलीस्कोप के साथ, रिसर्चर्स को उस बात की भरोसेमंद पुष्टि मिली है जो वैज्ञानिकों ने पहले हबल के साथ देखी थी.

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NGC 346 का हबल और जेम्स वेब से लिया गया फोटो (Photo : NASA/ESA)

वैज्ञानिक सिद्धांतों को चुनौती देने वाली खोज

प्रारंभिक ब्रह्मांड में, तारे मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम तथा कार्बन और लोहे जैसे भारी तत्वों की बहुत कम मात्रा से बने थे. आधुनिक सैद्धांतिक मॉडल भविष्यवाणी करते हैं कि भारी तत्वों की इतनी कम संख्या के साथ, तारों के चारों ओर डिस्क का जीवनकाल छोटा होता है. हालांकि, वेब की को-रिसर्चर एलेना सब्बी कहती हैं, 'लेकिन हबल ने इनमें से एक ग्रह देखा था, तो क्या हुआ अगर मॉडल गलत थे और डिस्क लंबे समय तक जीवित रह सकती थीं?'

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NASA/ESA के अनुसार, वैज्ञानिकों ने जेम्स वेब टेलीस्कोप को स्मॉल मैगेलैनिक क्लाउड (एक बौनी आकाशगंगा जो मिल्की वे के सबसे करीबी पड़ोसियों में से एक है) पर ट्रेन किया. खासतौर से, उन्होंने विशाल तारा-निर्माण क्लस्टर NGC 346 की स्टडी की, जहां भारी तत्व नहीं पाए जाते. यह क्लस्टर दूर के ब्रह्मांड में तारकीय वातावरण का अध्ययन करने के लिए एक करीबी प्रॉक्सी के रूप में कार्य करता है.

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हबल की विवादित खोज, JWST का कारनामा

मिड-2000s से NGC 346 के हबल ऑब्जर्वेशंस से पता चला है कि 20 से 30 मिलियन वर्ष पुराने कई तारे अभी भी अपने चारों ओर ग्रह बनाने वाली डिस्क रखते हैं. यह पारंपरिक समझ के उलट है कि ऐसी डिस्क 2-3 मिलियन वर्षों के बाद नष्ट हो जाती हैं. हबल की खोज विवादास्पद थी, लेकिन अब जेम्स वेब की वजह से वैज्ञानिकों को पहली बार सूर्य जैसे उभरते तारों और निकटवर्ती आकाशगंगा में उनके निकटतम पड़ोस के तारों का स्पेक्ट्रा प्राप्त हुआ है.

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यह NGC 346 का जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से लिया गया फोटो है. इस पर अंकित दस छोटे पीले घेरे इस स्टडी में सर्वे किये गये दस तारों की स्थिति दर्शाते हैं. (Photo : NASA, ESA, CSA)

गुइडो डी मार्ची ने कहा, 'हम देख सकते हैं कि ये तारे वास्तव में डिस्क से घिरे हुए हैं और अभी भी पदार्थ को अवशोषित करने की प्रक्रिया में हैं, यहां तक कि 20 या 30 मिलियन वर्ष की अपेक्षाकृत उच्च आयु में भी.इसका यह भी अर्थ है कि ग्रहों को हमारी अपनी आकाशगंगा में आस-पास के तारा-निर्माण क्षेत्रों की तुलना में इन तारों के चारों ओर बनने और विकसित होने के लिए अधिक समय मिलता है.

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